Saturday, January 24, 2015

आधी रात वाला ज्ञान

कोई अच्छा या बुरा नहीं होता,
वो हमारी तरह होता है, या नहीं होता ।

Sunday, December 21, 2014

parallel

मैं रेलगाड़ी की पटरियों की तरह दुनिया की सैर चाहता हूँ,
हवाई जहाज के डैनों की तरह भी...
मैं चाहता हूँ जहाज के डैनों में से एक तुम हो दूसरा मैं
मैं चाहता हूँ रेलगाड़ी की पटरियों में से एक मैं हूँ दूसरी तुम.
हम ज़िन्दगी भर घूमेंगे,
हमारी यात्रा के एकदम 'पैरेलल' (parallel)
तुम्हारी अपनी यात्रा होगी,
मेरी अपनी
तो चलें ?

Thursday, December 18, 2014

मौन स्वीकृति

सोते हुए तुम्हारा चेहरा बहुत अच्छा लगता है,
मेरी हर बात पर तुम्हारी मौन स्वीकृति...
चाँद सुन्दर है, तुम सुन्दर हो,
दुनिया सुन्दर है,
मैं उतना सुन्दर नहीं हूँ.
भगत सिंह बहुत अच्छे थे, गांधी जी भी बहुत अच्छे थे,
मैं उतना अच्छा नहीं हूँ.
फिर अचानक तुम कहती हो कि सो गयी हो तुम.
मेरे भगत, मेरे गांधी, मेरी खूबसूरत दुनिया,
और थोड़ा कम खूबसूरत मैं,
हम सब सो जाते हैं साथ-साथ.

Tuesday, March 4, 2014

मैंने माना मेरे जाना
कि तुम्हारी डबडबाई आँखों का बाँध है वो काजल,
नदी उफन भी जाए, फिर भी दिखता नहीं रास्ता जो बनाया लहरों ने...
सबके पीछे तुम्हारा काजल
उतना ही काला, उतना ही गाढ़ा
अब भी बना हुआ है बाँध।

Thursday, December 12, 2013

बुना हुआ स्वेटर

बहुत छोटा था तो माँ ने एक स्वेटर बुना
आसमानी रंग का,
आसमान जितने ही असीम सपने बुने माँ ने उसमें
दो सलाइयों से बुन रही थी वो मेरा बड़ा ओहदा,
दुनिया में मेरा नाम, एक भारी भरकम तनख्वाह,

आज वो स्वेटर छोटा पड़ने लगा है मुझे
माँ उघाड़ रही है वो स्वेटर और
तैयारी कर रही है दुबारा बुनने की, और बड़ा बुनने की
मैं डरने लगा हूँ बुने हुए स्वेटर से…
माँ उसमें उम्मीदें बुन देती है यार।

Monday, November 11, 2013

छुपाना भी नहीं आता

मैंने कभी कुछ नहीं छुपाया
हर पन्ना पढ़ लेती है दुनिया हरदम,
पर साथी, जब छुपाना पड़ा खुद का होना
तो चीथड़े उड़ गए थे रूह के,
शायद तुम ये नहीं समझ सकते
कि मेरे लिए छुपाने का मतलब है 'मिटाना'
मैंने क़त्ल किया खुद को, अपने ही हाथों
तुम्हें दिखा भी नहीं होगा !
तुम्हारे सामने ही ये पहाड़, पिघल रहा था क़तरा क़तरा

Tuesday, July 16, 2013

नाक वाली लड़की के लिए

ये हवा जो मेरी सांस बनती है,
यहीं पहुंचाती है मेरे शब्द तुम तक।
तुम सुनती हो की सांस लेती हो,
उतर जाती है यहीं हवा तुम्हारे भीतर भी।